सभी धार्मिक ग्रन्थों का मुख्य उद्देश्य ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना ही है ; सी एल गुलाटी

सभी धार्मिक ग्रन्थों का मुख्य उद्देश्य ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना ही है ; सी एल गुलाटी
चण्डीगढ़ : 8 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा ;------सिटी पीसफुल  चण्डीगढ़ के ख्यात  पुरातन निरंकारी महात्मा गोपाल कृष्ण मलहोत्रा बीती  5 अप्रैल को बाद दोपहर ब्रह्मलीन हो गए थे!  आज उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए स्थानीय सैक्टर 30.ऐ स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया ! जिसमें देहली से आए सन्त निरंकारी मण्डल के सचिव  सीएल गुलाटी  ने फरमाया कि दिवंगत  मलहोत्रा जी ने ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के बाद सभी धार्मिक ग्रन्थों का अध्ययन करके पाया  कि जो ब्रह्मज्ञान  निरंकारी मिशन द्वारा प्रदान किया गया है, वही वास्तव में हर धार्मिक ग्रन्थ का सार और उद्देश्य भी  है !  इन्सान जीते जी वर्तमान सत्गुरू की शरण में जा कर इस परमपिता की जानकारी हासिल करके अपनी भक्ति आरम्भ करे । इससे उनका विश्वास इतना दृढ हो गया कि एक ही सप्ताह के अन्दर.अन्दर न केवल अपनी धर्मपत्नी बल्कि सभी बच्चों को भी सत्गुरू की शरण में ला कर इस ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति करवा दी व उन्हें हर समय तत्कालीन और वर्तमान सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के चरणों से जुड़े रहने की प्रेरणा देते रहे । उन्होंने हर समय हर परिस्थिति में इस सर्वव्यापी परमात्मा का सिमरन करते हुए इसका सहारा लिया और चरणामृत ग्रहण करते हुए अन्तिम स्वांस ली ।  
श्री गोपाल कृष्ण मलहोत्रा ने परमपिता की  जानकारी वर्ष 1973 में तत्कालीन सत्गुरू बाबा गुरबचन सिंह जी के समय में ज्ञान प्रचारक श्री सोहन लाल नन्दा जी से एस के सोनी एवं रामगोपाल शर्मा  द्वारा दी गई प्रेरणा से प्राप्त किया । 
श्री मलहोत्रा पंजाब सरकार के उद्योग विभाग में बतौर उप महाप्रबन्धक के पद पर कार्यरत थे और वर्ष 1992 में सेवानिवृत्त हुए । वे सन्त निरंकारी मासिक पत्रिका में अपना योगदान नियमित रूप से अपने लेखों द्वारा देते रहे !  इस पत्रिका को श्रद्धांजलि समारोह के बाद सभी उपस्थित सदस्यों में वितरित किया गया । वे शेर.ओ.शायरी में बहुत रूचि रखते थे जिस कारण उन्होंने गुलदस्ता  नाम की पुस्तक लिखी !  जिसमें हर तरह के भाव अर्थात अध्यात्मिक सामाजिक व् मानवता व सुख.दुख से सम्बन्धित भावों को कलमबन्द किया।
इस अवसर पर नेक नियति के धनी व् मीडिया सहायक राजिंदर जी ने अधिक जानकारी सांझी करते हुए कहा कि  सन्त निरंकारी मण्डल के प्रशासन विभाग के मैम्बर इन्चार्ज बीबी जोगिन्द्र कौर जी तथा यहां के ज़ोनल इन्चार्ज  के के कश्यप तथा स्थानीय संयोजक  नवनीत पाठक ने भी अपने भाव व्यक्त किए । मलहोत्रा परिवार दिवान टोडर मल मलहोत्रा के वंशज से चला आ रहा है । श्री मलहोत्रा जी ने अपने परिवार के सदस्यों के सम्मुख यह इच्छा व्यक्त की कि उनके ब्रह्मलीन होने पर उनके नेत्र किसी नेत्रहीन को नेत्र ज्योति प्रदान करने के लिए दान कर दिए जायें । इसके अतिरिक्त पर्यावरण हेतु उन्होंने यह इच्छा व्यक्त की कि उनके पार्थव शरीर का अन्तिम संस्कार सीण्एनण्जीण् शवदाहगृह में किया जाए । उनके परिवार ने उनकी इच्छा अनुसार उनके नेत्र दान किए व उनका अन्तिम संस्कार भी सीएन शवदाहगृह में निरंकारी मिशन की मर्यादा अनुसार किया ।  

Comments