मूर्धन्य लेखिका की "प्यार के दो फूल" के बाद गजल संग्रह का विमोचन अगले माह
चंडीगढ़ ; 17 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा ;--- देश और समाज सहित पारिवारिक आदि परिवेशों पर गहन चिंतन से लबरेज अक्षर उकेरती लेखनी की धनी सुनीता जैन मैत्रेयी आज लेखन क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति के कलमकारों में शुमार किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं ! पीड़ा किसी भी क्षेत्र और पहलू की रही हो सुनीता जैन मैत्रेयी की कलम अवसाद मवाद विवाद और समस्याओं के समाधान लिए रचनाओं की सफल रचनाकार कही जाती हैं ! जीवन की कड़वी सच्चाइयों से दो चार करवाने में निपुणता लिए सुनीता जैन मैत्रेयी अक्सर समाज में क्रन्तिकारी परिवर्तन के लिए निडर और प्रखर सोच रखती हैं ! उनका मानना है कि जो काम असम्भव है वही काम लेखनी के कामगारों के लिए चुनौती से गुजरता हुआ सहयोग समर्थन का चक्र है ! जिसपर हमारी तमाम संवेदनाएं और निरीह वेदनाएं सुप्त आकंक्षायें निर्भर बनी रहती हैं उन पर शब्दों के कुठारे घात लेखनी की मर्यादा और कर्म होने चाहिए !
सुनीता जैन मैत्रेयी की पाठकों और साहित्य पिपासुओं की नजर अगली प्रस्तुति "प्यार के दो फूल" नामक काव्य संग्रह के बाद गजल संग्रह तैयार ही है जिसका विमोचन अगले महीने चंडीगढ़ स्थित इंडियन आयल भवन सेक्टर 7 चंडीगढ़ के सभागार में होगा !
सुनीता जैन मैत्रेयी की रचनाओं और अनेकों लेखन परसम्पत्तियों की चितेरी पाठिका और अदिति कलाकृति हब ऑफ़ हॉबीज एंड हैंडीक्राफ्ट्स की प्रिंसिपल आर्टिस्ट मोनिका शर्मा आभा ने उक्त संबंधी अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पाठकों का एक विशेष वर्ग मैत्रेयी की रचनाओं के प्रकाशन की बेसब्री से इंतजार करते हैं ! उनकी रचनाएँ अक्सर देश के विभिन्न अख़बारों रसालों आदि में समय समय पर प्रकाशित होती रहती हैं और समाज और मानव वर्ग को दिशा देने में सराहनीय योगदान रहती हैं !
चंडीगढ़ ; 17 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा ;--- देश और समाज सहित पारिवारिक आदि परिवेशों पर गहन चिंतन से लबरेज अक्षर उकेरती लेखनी की धनी सुनीता जैन मैत्रेयी आज लेखन क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति के कलमकारों में शुमार किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं ! पीड़ा किसी भी क्षेत्र और पहलू की रही हो सुनीता जैन मैत्रेयी की कलम अवसाद मवाद विवाद और समस्याओं के समाधान लिए रचनाओं की सफल रचनाकार कही जाती हैं ! जीवन की कड़वी सच्चाइयों से दो चार करवाने में निपुणता लिए सुनीता जैन मैत्रेयी अक्सर समाज में क्रन्तिकारी परिवर्तन के लिए निडर और प्रखर सोच रखती हैं ! उनका मानना है कि जो काम असम्भव है वही काम लेखनी के कामगारों के लिए चुनौती से गुजरता हुआ सहयोग समर्थन का चक्र है ! जिसपर हमारी तमाम संवेदनाएं और निरीह वेदनाएं सुप्त आकंक्षायें निर्भर बनी रहती हैं उन पर शब्दों के कुठारे घात लेखनी की मर्यादा और कर्म होने चाहिए !
सुनीता जैन मैत्रेयी की पाठकों और साहित्य पिपासुओं की नजर अगली प्रस्तुति "प्यार के दो फूल" नामक काव्य संग्रह के बाद गजल संग्रह तैयार ही है जिसका विमोचन अगले महीने चंडीगढ़ स्थित इंडियन आयल भवन सेक्टर 7 चंडीगढ़ के सभागार में होगा !
सुनीता जैन मैत्रेयी की रचनाओं और अनेकों लेखन परसम्पत्तियों की चितेरी पाठिका और अदिति कलाकृति हब ऑफ़ हॉबीज एंड हैंडीक्राफ्ट्स की प्रिंसिपल आर्टिस्ट मोनिका शर्मा आभा ने उक्त संबंधी अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पाठकों का एक विशेष वर्ग मैत्रेयी की रचनाओं के प्रकाशन की बेसब्री से इंतजार करते हैं ! उनकी रचनाएँ अक्सर देश के विभिन्न अख़बारों रसालों आदि में समय समय पर प्रकाशित होती रहती हैं और समाज और मानव वर्ग को दिशा देने में सराहनीय योगदान रहती हैं !
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