लोहड़ी की तयारी पुरज़ोरों, पर सरकारी सार्वजनिक पार्कों और रोड़ों पर

लोहड़ी की तयारी पुरज़ोरों, पर सरकारी सार्वजनिक पार्कों और रोड़ों पर 

चंडीगढ़ ; 12 जनवरी ; आरके शर्मा विक्रमा /एनके धीमान ;--- आई  लोहड़ी ते स्याल [सर्दी] मरया कोहड़ी यानि लोहड़ी पर्व हाड ठिठुरती सर्दी के जाने का प्रतीक है जिस की तुलना  कोढ़ रोग से की गई ऐसी सर्दी को  भगाने के लिए उत्तरी भारत खास करके पंजाब के  गली मुहल्लों में लोग   एकत्रित होकर सूखे पेड़ों के लट्ठ तने उपले आदि जलाते हैं और  प्यार प्रेम से लोहड़ी के गीत मुबारिक करते हुए परस्पर बधाइयां  देते हैं !
           सोहनी सिटी में देश भर के कोने कोने से अलग अलग विरसे धर्म जाति और सम्प्रदाय के लोग अपनी अपनी निजी आजादी के साथ रहते हैं ! पर वर्षों से इकट्ठे रहने के चलते सब एकदूजे के तीज, त्यौहार व् पर्व, व्रत आदि मिलजुल के मनाते हैं ! और अपनी अपनी संस्कृति परम्पराओं के सुमेल भी करते रहते हैं जिस से ये व्रत पर्व त्यौहार बहुत ही आकर्षक फिजा की छटा बिखेरते हैं ! 
          चंडीगढ़ सिटी स्वच्छ सर्वेक्षण में देश भर में तीसरे पायदान पर  काबिज हुआ है जोकि शहर के वास्ते गर्व का विषय है !!सिटी की मेन  रोडस और पार्कों आदि के किनारे उपले सुखी लकड़ी और रेवड़ियां गच्चक आदि लोहड़ी के लिए जरूरी सामान बेचने वालों ने खूब अतिक्रमण कर रखे हैं ! जोकि सीधे सीधे हाईकोर्ट के आदेशों तक की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं ! ऐसा तो बिलकुल ही  नहीं है कि ये सब चंडीगढ़ नगर निगम और एस्टेट ऑफिस [सम्पदा विभाग]  या डीसी ऑफिस के बड़े-छोटे बाबुओं की जानकारी के बाहर है !  सब जानते हैं कि कहाँ और किस सेक्टर व् गांव जोकि एमसी के अधीन हैं वहां से क्या क्या जेब भराई होनी है ! मुश्किल तो बेचारे प्रभावित नागरिकों को हो रही जिनको आनेजाने के लिए रास्ता नहीं मिल रहा !  उपर से सरकारी राजस्व यानि खजाने को तीज त्यौहारों के दिनों में होनेवाली अकूत आमदन  का चुना लग रहा है ! वोभी लाखों करोड़ों रुपयों का घाटा खजाने को रहा जबकि बाबुओं की जेबें गाँधी नोटों से लदती जारही हैं ! स्वच्छ सिटी के माथे पर गंदगी का कलंक अलग से लग रहा है ! लोहड़ी और फिर सिख धर्म के सर्वेसर्वा महाराज  का जन्मदिहाड़ा फिर महान मकर संक्रांति पर्व ऐसे में शहर दुल्हिन की माक़िफ़ सजाधजा नजर आरहा है और चरों और भक्तिमय वातावरण दर्शनीय है !  

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