शिल्प और लोक कला से कुरुक्षेत्र को मिली विश्व में पहचान


शिल्प और लोक कला से कुरुक्षेत्र को मिली विश्व में पहचान 
चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र 19 दिसम्बर : आरके विक्रमा शर्मा ;------अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2018 में पर्यटकों ने इस महोत्सव को विश्वस्तरीय पहचान देने का काम किया है। इस महोत्सव की जहां हरियाणा प्रदेश ही नहीं विश्व के विभिन्न देशों में जोरदार प्रशंसा की जा रही है, वहीं इस ऐतिहासिक महोत्सव के शिल्प और सरस मेले में देश -विदेश के कोने कोने से आए शिल्पकार तथा विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकार भी गदगद नजर आए। अहम पहलू ये है कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान ब्रहम सरोवर का हर घाट शिल्पकला व लोक कलाकारों की संस्कृति के संगम से सरोबार हो गया। यहां इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पुख्ता इंतजामों के बीच लाखों पर्यटकों को हर प्रकार की सहुलियत दी गई। 
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के सरस और शिल्प मेले में बुधवार को भी सुबह से लेकर सांय तक पर्यटकों व श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा रहा। इस महोत्सव में 7 से 18 दिसम्बर तक सोशल मीडिया पर 11 लाख और वेबसाईट पर 31 लाख पर्यटक महोत्सव के सरस, शिल्प मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन कर चुके है। इतना ही नहीं इस महोत्सव में लाखों पर्यटकों ने ब्रहमसरोवर पर पहुंचकर जहां जमकर खरीददारी की, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी खूब लुत्फ उठाया। इतना ही नहीं पर्यटकों ने राजस्थानी व्यंजनों, अमृतसरी कुल्छे और गुड़ के हलवे के साथ ताऊ बलजीत की जलेबी का भी स्वाद चखा। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के प्रत्येक दिन तमाम व्यवस्थाओं पर नजर रखकर पर्यटकों व श्रद्धालुओं का पूरा ध्यान रखा गया। 
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव यादगार रहेगा, क्योंकि इस वर्ष प्रदेश का हर व्यक्ति महोत्सव की तरफ खींचा चला आया। प्रशासन ने इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर पहले से ही पूरी रूप रेखा तैयार कर ली थी और योजनाबद्ध तरीके से इस महोत्सव को सफल बनाया गया है। कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संयम गर्ग ने कहा कि प्रशासन और तमाम संस्थाओं के सहयोग से इस समारोह को सफल बनाया गया है। किसी भी श्रद्धालु व पर्यटक को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी गई है

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