कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा तहसील के थाना गांव का प्राकृतिक तालाब प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग परंतु नष्ट होने के कगार पर
चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र ; राकेश शर्मा/अल्फ़ा न्यूज इंडिया डेस्क ;-------
शरद ऋतु में उत्तरी भारत में प्रवासी पक्षियों का आगमन एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेसर्गिक प्रक्रिया है। शरद ऋतु में प्रवासी पक्षियों का दिखाई देना बहुत ही मनोरंजक दृश्य प्रस्तुत करता है। हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों का शीतकालीन प्रवास एक आम बात है। डॉ रोहतास चंद्र गुप्ता पूर्व अध्यक्ष, प्राणी शास्त्र विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने बताया कि प्रवासी पक्षियों की दृष्टि से कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा तहसील के थाना नामक ग्राम में एक बहुत बड़ा जलाशय है जो लगभग 80 से 100 एकड़ में फैला हुआ है। डॉ गुप्ता के शोध छात्र डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि इस तालाब में विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी जैसे राजहंस, काटन टील, श्वेताक्ष पोचर्ड, ब्राह्मणी बत्तख, सूचिपूछ बत्तख, सामान्य टील, नीलपक्ष टील, सिख पर बतख, बेखुर बतख, चेता बतख, नकटा, छोटी सिल्ही, मैलार्ड, गैडवल, विजियन, शिखी पोचार्ड, पिंकशीर्ष बत्तख, रक्तशिखी पोचार्ड, सरपट्टी सवन, सिलेटी सवन, तिदारी बत्तख, करछिया बगुला, ग्लॉसी आईबिस, चमचा, घोंघिल इत्यादि अपने शीतकालीन प्रवास करते हैं जोकि सुदूर प्रदेशों जैसे एशिया, रूस, साइबेरिया, कैस्पियन सागर, चीन तथा पश्चिम एशिया से यहां आते हैं। डॉ तरसेम कौशिक जोकि सालिम अली पक्षी-विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केंद्र कोयंबटूर में बतौर पक्षी वैज्ञानिक काम कर चुके हैं, के अनुसार थाना प्राकृतिक तालाब जो कि एक झील की भांति प्रतीत होता है उसके अंदर प्रवासी पक्षियों को अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता है। इस तालाब का मुख्य पहलू यह है कि यह ग्राम की सीमा से थोड़ा दूर है तथा इस तालाब के अंदर बहुत सारे टापू हैं जिन पर बैठकर पक्षी दिन के समय आराम करते हैं तथा साथ ही विभिन्न प्रकार के प्राणियों से अपनी सुरक्षा भी करते हैं। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक के अनुसार इस तालाब में जलीय पौधे भी बहुतायत मात्रा में है जोकि प्रवासी पक्षियों को भोजन उपलब्ध कराते हैं। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक के अनुसार आज दिनांक 25 दिसंबर 2018 को भी इस तालाब में विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी देखे गए हैं परंतु उनकी संख्या बहुत ही कम है। इस वर्ष इस तालाब की हालत बहुत ही दयनीय है क्योंकि तालाब में पानी बहुत कम मात्रा में रह गया है। इसके अलावा तालाब के अंदर ह्यचीन्थ नामक पादप उग गया है जो इस बात का प्रमाण है कि निकट भविष्य में यह संपूर्ण तालाब नष्ट होने के कगार पर है। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक के अनुसार गांव का कूड़ा -करकट, घरों से निकला गंदा पानी इसी तालाब में छोड़ा जा रहा है जिसके कारण पानी की शुद्धता में कमी आई है। पानी विषैला हो गया है जो कि प्रवासी पक्षियों के लिए घातक होता है। डॉ गुप्ता ने बताया कि थाना प्राकृतिक तालाब जैव विविधता की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इस तालाब में 100 से भी ज्यादा प्रजातियों के प्रवासी तथा स्थानीय पक्षी प्रवास करते हैं। परंतु इस समय तालाब की हालत बहुत ही दयनीय है तथा शीतकालीन प्रवास के लिए आए हुए प्रवासी पक्षी इस समय बहुत ही जटिल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। तालाब के अंदर पानी की मात्रा बहुत कम है तथा जो भी पानी उपलब्ध है वह बहुत ही गंदा हो गया है। इसके अलावा तालाब के आसपास मवेशी बांधे गए हैं जोकि दिनभर प्रवासी पक्षियों के लिए व्यवधान उत्पन्न करते रहते हैं। डॉ रोहतास गुप्ता के अनुसार यह प्राकृतिक तालाब हरियाणा मैं विद्यमान सुल्तानपुर पक्षी विहार, खापरवास पक्षी विहार, चिलचिल्ला पक्षी विहार तथा दमदमा पक्षी विहार से भी उन्नत है तथा जैव विविधता की दृष्टि से इन सभी पक्षी विहारों में अग्रणी है क्योंकि प्रवासी पक्षियों के अलावा यहां विभिन्न प्रकार के कछुए भी पाए जाते हैं। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक ने कहा कि हरियाणा सरकार को चाहिए कि इस प्राकृतिक तालाब को पर्यटन की दृष्टि से उन्नत करें। जिससे हरियाणा सरकार को तो राजस्व प्राप्त होगा ही, साथ ही साथ, सुदूर प्रदेशों से आए इन प्रवासी पक्षियों को भी अपने शीतकालीन प्रवास के लिए स्थान उपलब्ध हो जाएगा। जहां एक और यह तालाब पक्षी विहार के रूप में उन्नत होगा, वही हरियाणा विशेषकर थाना गांव का नाम भारतवर्ष के कोने-कोने तक पहुंचेगा । डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक ने कहा की हम गांव के सरपंच पंडित तेलू राम से भी अनुरोध करते हैं की वह समय रहते इससे तालाब की सुध ले तथा इस तालाब में पर्याप्त मात्रा में साफ जल की व्यवस्था करें तथा इस तालाब की प्रकृति के साथ कोई भी छेड़छाड़ न करें। एक और जहां प्रवासी पक्षियों को अपने शीतकालीन प्रवास के लिए स्थान उपलब्ध हो जाएगा वहीं थाना गांव का नाम विश्व के मानचित्र पर अंकित हो जाएगा क्योंकि दुर्लभ प्रजाति के प्रवासी पक्षी इस गांव में बतौर अतिथि शीतकालीन प्रवास के लिए भ्रमण करते हैं। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय जहां एक और पर्यावरण के प्रति सचेत रहता है, वहीं भारतवर्ष की मुख्य झीलों तथा तालाबों में जैव विविधता के प्रति सजग रहता है परंतु हरियाणा में पिछले 10 से 15 वर्षों में थाना प्राकृतिक तालाब जैसे बहुत सारे तालाब अपनी पहचान खो चुके हैं। इन सभी तालाबों में सर्दियों में प्रवासी पक्षी अपनी कलरव ध्वनि से सभी का मनोरंजन करते थे परंतु आज सभी तालाब या तो सूख गए हैं या फिर उन्हें अपने फायदे के लिए नष्ट किया जा चुका है। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब यह तालाब भी अपना अस्तित्व खो देगा। डॉ गुप्ता तथा डॉ कौशिक ने कहा कि हरियाणा सरकार की सभी एजेंसियों जोकि जलाशयों को देख रही है उनसे अपील करते हैं कि इस तालाब को संरक्षित एवं संवर्धित करने में अपना सहयोग दें ताकि थाना गांव का यह प्राकृतिक तालाब प्रवासी पक्षियों के लिए एक मात्र स्थान बन जाए जहां प्रवासी पक्षी अपने शीतकालीन प्रवास के लिए प्रत्येक वर्ष यहां भ्रमण करते रहे। यह प्राकृतिक तालाब भारतवर्ष में ही नहीं अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रवासी पक्षियों का नंबर वन का स्थान बन सकता हैं।
Comments
Post a Comment