चंडीगढ़/नईदिल्ली ; 26 दिस्मबर ; आर के शर्मा विक्रमा ;----- नई दिल्ली की निवासी अलका किमोठी को अदिति कलाकृति हब और हॉबीज एंड हैंडी क्राफ्ट्स की प्रिंसिपल आर्टिस्ट और प्रेस पत्रकार मोनिका शर्मा आभा अपनी इकाई की ओर से सम्मानित करेंगी ! ये सम्मान अलका किमोठी को अगले वर्ष की प्रथम तिमाही में तिथि निर्धारित करके दिया जायेगा !
हर ऐश्वर्या से सम्पन्न कीमोथी परिवार में जन्मी पली पढ़ीलिखी अलका का जब अपना ही जीवन विवाह के बाद नकारात्मक अनुभवों से दो चार होने लगा तो वह खुद ही मूल कारण खोजने के लिए पहले तो भगवान की शरण में गई फिर कुछ भी पल्ले न पड़ा तो ज्योतिष ज्ञान प्राप्ति की ओर आकर्षित हुईं! और फिर पूरी लगन निष्ठां व् परिश्रम के साथ ज्ञान अर्जित करने में कोई कोर कसर तक न छोड़ी ! पति की बजाए सास और बडे जेथ जेठानी सहित अपनी बेटी और बेटे ने उन्हें खूब प्रोत्साहित किया और हर कदम पर सबल सहारा भी बने! आखिर अलका किमोठी अपनी अथक परिश्रम और कुछ जीवन में अलग ही कर गुजरने की ललक व् कसक ने एक दिन अलका को ज्योतिष आचार्या बना ही दिया !
अब वह सब के भाग्य की रूठी रेखाओं को तलाशती है और फिर सही दिशा मे मोड़ने के सरल और कारगर सुझाव व् उपाय भी सुझाती हैं ! ज्योतिष कभी मजबूरी कभी शौक आज पूरी तरह रोजगार का पर्याय बन चूका है ! अल्प वक़्त में ही अलका की झोली में अनेकों सम्मान आये ! अलका का मानना है कि ज्योतिषी के पास व्याकुल, व्यथित और हताश व् निराश और बहुत कुछ गवा चूका ही आएगा सो उनके साथ ईमानदारी से पेश आना ही भगवान की भक्ति रूपी भक्ति है ! पति के दिवंगत होने के बाद अपनी सास और बेटी बेटे को पालने व् पढ़ाने की तमाम विषम जिम्मेवारियां अकेली अलका निभा रही है ! मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाली अलका ने हमेशा नियति को प्रमुखता दी है !
इसी वर्ष अप्रैल माह में यूपी के मेरठ में अखिल भारतीय ज्योतिष महासम्मेलन में संयुक्त आयुक्त ऋषि रंजन गोयल ने अलका किमोठी को शाल ओढ़ा और फिर आयोजक संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह देकर प्रेरित और सम्मानित किया !
फिर अगले कदम पर इसी साल के मई माह में दिल्ली विश्वविद्यालय में त्रिवेणी ज्योतिष संस्थान द्वारा आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन में पण्डित रमेश सेमवाल, डॉ. एच एस रावत, ज्योतिषी पीपी एस राणा आदि विद्वानों बुद्धिजीवियों ने भी बड़े स्तर के शानदार महास्म्मेलन में अलका किमोठी का पुष्प गुच्छ देने के बाद संस्था का स्मृति चिन्ह और गर्म शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया !
वक़्त के मारे और हारे अलका किमोठी के पास बिना संकोच बिना धन लिए भी उमड़ते देखे जा सकते हैं ! आज भी गृह गृहस्थी को बखूबी संभालने वाली अलका अपने जीवन के हर पायदान पर कामयाबी से खड़ी है ! ये सब कुछ अलका को अतीत में मायके से विरासत की जड़ीबूटी के रूप में मिले मजबूत संस्कार और सदाचार व्यवहार का ही फल है ! अल्फ़ा न्यूज इंडिया परिवारजन अलका किमोठी के सुंदर सजीले भविष्य के लिए निस्वार्थभाव से मंगलदुआ करते हैं !
अब वह सब के भाग्य की रूठी रेखाओं को तलाशती है और फिर सही दिशा मे मोड़ने के सरल और कारगर सुझाव व् उपाय भी सुझाती हैं ! ज्योतिष कभी मजबूरी कभी शौक आज पूरी तरह रोजगार का पर्याय बन चूका है ! अल्प वक़्त में ही अलका की झोली में अनेकों सम्मान आये ! अलका का मानना है कि ज्योतिषी के पास व्याकुल, व्यथित और हताश व् निराश और बहुत कुछ गवा चूका ही आएगा सो उनके साथ ईमानदारी से पेश आना ही भगवान की भक्ति रूपी भक्ति है ! पति के दिवंगत होने के बाद अपनी सास और बेटी बेटे को पालने व् पढ़ाने की तमाम विषम जिम्मेवारियां अकेली अलका निभा रही है ! मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाली अलका ने हमेशा नियति को प्रमुखता दी है !
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