भगवान श्रीकृष्ण ने गौपूजन हेतु लिया था जन्म
चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र /पंचकूला ; 16 नवम्बर; आरके शर्मा विक्रमा ; आज गौ माता पूजन दिवस है !
जिसे
गोपाष्टमी महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है ! आज ही संक्रांति भी है ! विचित्र और पुज्य्नीय संयोग है ! आस्थावान आज पावन नदियों सरोवरों तडगों आदि में स्नान करकेपुण्य के भागी बने हैं ! इस अवसर पर पंचकूला जिला स्थित श्री कृष्णा गौशाला, सकेतड़ी में गौओं को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव को गौपूजन व् भजन संध्या वत मनाया गया ! इस मौके पर अबांला की लोकसभा सीट से सासंद रत्न लाल कटारिया मुख्य अतिथि ने गौपूजन किया और गौओं को हराचारा भी खिळया ! गौ महत्व से सब को खूब समझाया ! उक्त महोत्स्व के संयोजक रोशन लाल जिदंल, अशोक जिदंल, मोती लाल जिदंल आदि गौ पूजक अपनेअपने परिवार व् मोटरों हितैषियों सहित उपस्थित रहे !
जिला कुरुक्षेत्र स्थित श्री गीताधाम की संचालिका माता सुरदर्शन जी भिक्षु महाराज का ज्ञानभरा कथन है कि भगवान श्रीकृष्ण जी ने खुद गौ माँ की पूजा अर्चना सहित उसका दुग्धपान हेतु ही धरती पर जन्म लिया ! तभी तो वह अपने समकालीन विदुर जी व् भीष्म पितामह,कृपाचार्य द्रोणाचार्य संजय और अनेकों से कहीं आगे कुशाग्रबुद्धिवान रहे ! बल में विद्या में श्री कृष्ण जी अतुलनीय देवपुरुष हैं ! उन्हों ने आगे कहा कि गौ अगर माता है तो फिर पूजन सिर्फ आज ही क्यों ? क्या बाकि दिन वह जनवर से ज्यादा कुछ सम्मान नहीं रखती है ! गौ माता का पूजन और पालना संतान की भांति करना चाहिए !
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