सरकारी भवनों तक को इंद्र के कहर से बचाने में गोवर्धन धारी रहे नाकाम,स्कूलों की छतें तक राम भरोसे,हादसों से खुदा करें खैर
चंडीगढ़ ; 24 सितम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा/एनके धीमान /करण शर्मा ;----
सोहनी ट्राइसिटी में बीते तकरीबन 72 से बह अधिक घंटों से कभी धीरे तो कभी थमथम के हो रही बेमौसमी बरसात से आम जन जीवन बुरी तरङ से डगमगा गया है । 22 सितम्बर शनिवार को शुरू हुई तेज बारिश रविवार को भी रुक रुक कर जारी रही ! सरकारी भवनों दफ्तरों को इंद्र के निरंतर बने रहे आज गिरधर गोपाल गोवर्धनधारी भी नाकाम रहे ! क्योंकि मंदिरों की छतें भी टपकने के समाचार आम सुने जाते रहे ! में सड़कों मार्किटों की पार्किंगों में बरसात के खड़े पानी ने पानी निकासी के प्रबंधों की पुख्ता व्यवस्था की खोखली पोल खोल कर रख दी ! सड़कों पर तेज गति से दौड़ते वाहनों के मालिकों को छोटे वाहनों और पैदल चलने वालों के गुस्से का गलियों का कोपभाजक बनते भी देखा गया ! चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस आज चलन काटने के मूड से दूर रहते हुए मुश्किलों में फंसे वहां के चालकों की मदद करती नजर आई अनेकों वाहनों के मालिकों को अन्य सेफ रास्तों की तरफ मोड़ते समझाते देखा गया !
यह क्रम आज सोमवार भी दिन भर बना रहा ! इसी के चलते सरकारी भवनों की सीमेंटड छतें भी दिल खोल के टपकती रहीं ! कमरों और केविणों में पानी भरने से सरकारी कामकाज जरा भी नहीं होने से पब्लिक डीलिंग्स की सीटें खूब प्रभावित रहीं !
पंचकूला, मोहाली और चंडीगढ़ में दफ्तरों, स्कूलों, कालेजो के प्रांगणों में खूब पानी भराव रहने से सभी को बड़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा ! सिटी ग्रीन चंडीगढ़ की हैरिटेज बिल्डिंग यूटी प्रेस भवन में जहाँ इंफोर्स्मेंट डिपार्टमेंट और सेक्रेटरी,हॉउस अलॉटमेंट डिपार्टमेंट ,और रजिस्ट्रार, को आपरेटिव सोसायटीज आदि ऑफिस भी हैं की छतें टपकती रहीं और बरामदों में व् कमरों में खूब पानी भरा देखा गया ! यहीं नहीं सारा दिन सरकारी प्रेस भवन के मुख्य दफ्तरों की छतें खूब टपकती रहीं और सरकारी कार्य प्रणाली भी बेअसर रही ! बकौल केयरटेकर उनके सभी सफाई कर्मचारी दिनभर वाइपर्स, झाड़ू सहित पोंछों से पानी बाहर धकेलते रहे ! कई शाखाओं में तो रखी फाइलें भी गीली हुई हैं ! क्योंकि रातभर बरसात का तांडव होता रहा ! विभाग के असिस्टेंट कंट्रोलर [फाइनेंस एंड अकाउंट्स] कुलभूषण चौधरी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से निरंतर बरसात के जारी रहने से छतें टपकने से जलभराव हुआ ! सोमवार को सफाई कर्मचारी लगा करके कमरों से पानी बाहर निकाला गया और सरकारी दर्जनों फाइलों आदि को भी सुरक्षित स्थानों पर रखवाया गया ! करंट से बचने के लिए जिन कमरों की छतें टपकती रहीं उनमे बिजली सप्लाई ठप्प करनी पड़ी !
स्थानीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के डायरेक्टर डॉ सुरेंद्र पाल की भी की गई भविष्यवाणी आज औंधे मुंह गिरती नजर आई जब मानसून के कमजोर पड़ने की बजाए दिन भर छमछम बरसात पड़ती रही ! ट्राइसिटी की बात करें तो चंडीगढ़ मोहाली सहित पंचकूला की बस्तियों और गांवों में हालात बदतर होते जा रहे हैं ! कई स्कूलों की पुराणी इमारतें तक कब धराशायी हो जाएँ खुदा खैर करें ! झोपड़ पट्टीयों में भी लगातार बरसात होने से झुग्गियों और बसेरों में रहने वाले मौत के साये में जीवन जीने को विवश हैं! इन भयावह बरसातों से अनमोल गरीब निरीह जिंदगियां बचने के लिए क्या कारगर कदम उठाये हैं इनकी पुष्टि करने के अधिकारी मुंह खोलने से भी दूर ही रहे ! भले ही अनेकों बड़े अधिकारी दफ्तरों में सीटों पर काबिज नहीं मिले ! लेकिन नगरनिगम और चंडीगढ़ प्रशासन और सिविल डिफेन्स आदि ने बरसात से होने वाले दिल दहलाने वाले नतीजों से निपटने के लिए क्या कारगर उपाय कर रखे हैं इनके जवाब में परिणाम जीरो रहना जिम्मेदार और जवाबदेह अधिकारीयों की लापरवाही और निष्क्रियता को दर्शाता है ! मुख्य सड़कों पर पानी भरा हुआ है छोटे दोपहिया वाहनों के लिए राह हुई हैं ! सार्वजनिक स्थलों पार्कों में बरसाती पानी झील सा नजारा पेश कर रहे हैं !
आज सुबह से ही जारी जोरदार बरसात के चलते वाहन चालकों को तो यातायात मे भारी परेशानी उठानी पड़ी ! बच्चों को स्कूल छोड़ने के राह में खूब रुकावटें देखि गेन ! बेबसी में लोगों को घरों में दुबकने के आलावा कोई चारा भी नजर तक न आया ! रविवार को रामगढ नाडा साहब रोड और सेक्टर तीन से ताऊ देवी लाल रोड वाले पल से रामगढ तक रोड पर बाईट रविवार बाबा गणपति जी का विसर्जन होने के चलते अन्य वहां को चंद किलोमीटर्स की दुरी तय करने में कई घंटे लगे ! ट्रैफिक घिसटता हुआ आगे बढ़ने से महिलाओं बचचोबन और वहां में सवार बुजुर्गों तक को भरी परेशानियों से दो चार होता देखा गया ! सोमवार को आज सवेरे जिरकपुर-चंडीगढ़ पर वाहन बड़ी धीमी गती से घिसते नजर आये ! सरकारी और गैर सरकारी यूनिटों आदि में काम करने वाले कामगरों को पहुँचने में भारी मुशकत करनी पड़ी ! स्कूलों में हाजिरी भी खूब प्रभावित हुई !
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