आत्मबोध से ही अज्ञानता की दिवारों का नाश सम्भव :
लुधियाना/चण्डीगढ़;26 अगस्त ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;--- संसार में चारों तरफ इन्सान से इन्सान में दूरी का मुख्य कारण अज्ञानता सेखड़ी हुई दीवारें हैं, जिस दिन भी इन्सान को आत्म बोध हो जाता है अर्थात् उसे अपने मूल ब्रहम कीजानकारी हो जाती है तो उस द्वारा अज्ञानता के कारण खड़ी की गई दीवारें जिनमें वह पहले घुटन महसूसकर रहा था सभी नष्ट हो जाती हैं। यह उद्गार आज यहां सैक्टर 30 में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवनमें केन्द्रीय प्रचारक व लुधियाना के ज़ोनल इन्चार्ज श्री एच0 एस0 चावला जी ने यहां हुए विशाल सन्तसमागम में हज़ारों की संख्या में उपस्थित श्रोताआें को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए ।
श्री चावला ने आगे कहा कि सन्त महात्मा एक चलते-फिरते ए$टी$एम. के समान है ये शहर-शहर, गली-गली जा कर अपने शरीर व दिन-रात की परवाह किए बिना इन्सान की अज्ञानता को दूर कर उसेअध्यात्मिक दृष्टि से जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।
ब्रह्मज्ञान के महत्व की चर्चा करते हुए श्री चावला ने कहा कि आज इन्सान स्वयं के शरीर को ही अपनामन्जिल-ए-मकसूद मान चुका है और इसी की आवश्यकताआें को पूरा करने में ही अपनी सारी जिन्द्गीव्ययतीत कर देता है। लेकिन वर्तमान सत्गुरू माता सुदीक्षा जी की शरण में आकर जो इन्सान ब्रह्म कीजानकारी हासिल कर लेता है, उसे अपने अस्तित्व का एहसास हो जाता है जिससे उसे यह ज्ञात होता है कि मैं वास्तव में कौन हूं, कहां से आया हूं और मेरा इस संसार में आने का उद्देश्य क्या है । आत्मा कामेल परमात्मा के साथ होने से इन्सान को आवागमन के चक्कर से मुक्ति के साथ-साथ मनुष्य जन्म केउद्देश्य की भी पूर्ति हो जाती है ।
इससे पूर्व श्री निरंजन सिंह रिटायर्ड आई$ए$एस$ ने श्री चावला जी का यहां पधारने पर सर्वत्र साधसंगत कीआेर से स्वागत किया एवंम् ज़ोनल इन्चार्ज श्री के0 के0 कश्यप ने भी उनका धन्यवाद किया ।
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