साल का अंतिम हफ्ता सिख पंथ की कुर्बानियों और इसा मसीह के नाम

 साल का अंतिम हफ्ता सिख पंथ की कुर्बानियों और इसा मसीह के नाम 
चंडीगढ़ ; 23 दिसम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा /करण शर्मा /एनके धीमान ;----25 दिसम्बर साल के अंतिम सप्ताह का ये दिन ईसामसीह के जन्म के लिए दुनिया भर में जाना जाता है ! ईसामसीह ने धर्म और इंसानियत के लिए अपनी क़ुरबानी देकर और खुद को सूली पर लटकाने वाले हिंसा प्रवृत लोगों को माफ़ करने का अनूठा उदाहरण रचा और हिन्दू धर्म की धारणा क्षमा करना  ही सर्वोच्च शक्ति का सूचक है ! ईसामसीह ने अनेकों दुःख उठाये सिर्फ दुनिया को सुख व् ख़ुशी देने के लिए ! 
                                    सिख धर्म ने हमेशा दूसरों के लिए खुद को समर्पित किया और सेवा व् सुरक्षा देने के लिए कौम ने हमेशा गुरु ज्ञान की अक्षरत पालना की ! गुरु गोविन्द सिंह दसवें गुरु ने सिख धर्म में अनेकों उपदेश दिए जिनका खुद पहले पालना की ! अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी को मुस्लिम आकाओं के जुल्मों सितम से बचाने के बलिदान देने की नसीहत दी ! और सर्वविदित है कि हिन्द की चादर गुरु तेग बहादुर जी ने अपनी क़ुरबानी अपनी संगत के लिए दी जिसमे समाज का हर वर्ग हर धर्म जाति का इंसान शामिल था ! फिर गुरु जी ने अपनी माता गुजरी जी अपने चारों पुत्रों फतेह सिंह जुझार सिंह जोरावर सिंह और अजित सिंह की क़ुरबानी सिख धर्म की रक्षा खुशहाली के दी ! और अंत में खुद भी इस कौम के लिए अपना दैहिक त्याग करके दुनिया में अद्भुत कुर्बानियों की मिसाल कायम की !  

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