गौ बछड़े के हत्यारे को सजा राजस्थान में, दहशत कांसल चंडीगढ़ में भी

गौ बछड़े के हत्यारे को सजा राजस्थान में, दहशत कांसल चंडीगढ़ में भी 
चंडीगढ़ / झुंझुनू ; 23 दिसम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा /एडवोकेट विनीता शर्मा ;-----गौ को हिदुस्तान में माता का दर्जा भले कानून की किताब ने नहीं मुकर्रर किया पर जबसे सृष्टि संरचित हुई गौ को देव लोक और मानस लोक सहित पाताल लोक में भी माता के समतुल्य स्थान और गरिमामय धार्मिक पराकाष्ठा हासिल है ! दुनिया के कई देशों में गौ के निर्मम कत्ल तक पर संवैधानिक रोक लगा कर भारत जैसे धर्म निरपेक्ष मुल्क के मुंह पर तमाचे जड़े हैं !
      राजस्थान के जिला झुंझुनू में एक गौ और उसके बच्छड़े को एक ट्राले वाले कुचल दिया था ! इसी ट्राला चाक को अपर डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज ने आठ हजार रूपये के जुर्माने सहित पांच वर्ष की सजा सुनाई है और करोड़ों लोगों की गौ से जुडी मार्मिक भावनाओं को राहत भी बख्शी है ! दोषी ठहराए गए ट्राला चालक को 5 वर्ष को सजा और 8000 रूपये जुर्माने की सजा का सर्वत्र स्वागत हुआ और गौ को जानबूझ कर जख्मी करने और तड़पा तड़पा कर कत्ल करने वालों को कानून ने नसीहत भी स्थापित की है !
                       निंदनीय और सोचनीय घटना 28 नवम्बर 2012 की है जब झोझू धाम के पास खड़े गौओं के एक समूह पर जाट विरादरी के युवक राजेश जोकि झज्जर निवासी है ने अपना ट्राला अज्ञात कारणों से चढ़ाया था ! मौके दुर्घटना पर एक गौ और बच्छड़े की तडप--तडप  कर मौत ने सब को दुखी और स्तब्ध कर दिया था ! जन आक्रोश को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने गौ वंशीय अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए कोर्ट में चलन प्रस्तुत किया और ठीक पांच वर्ष  कानून ने दोषी राजेश जाट को उसके किये की सजा देकर न्याय की साख को पुष्ट किया है !
गौर तलब किया जाता है कि चंडीगढ़ में भी कांसल गांव में एक रसूखदार ग्रामीण और उसके पुत्रों ने एक जवान गौवंश बच्छड़े को दौड़ा दौड़ा कर पीट पीट कर मौत के घाट उतारा था !मामला एक समाजसेवी युवक द्वारा पुलिस के समक्ष उठाये जाने पर केस दर्ज हुआ था ! पर पुलिस ने पूरी तरह मामले की तफ्तीश करने की अज्ञात कारणों से जेहमत नहीं उठाई थी ! न ही दफनाई गई गौवंश की देह बरामद की थी ! उल्टा शिकायतकर्ता को जलील किया गया और केस में फंसाने तक की कथित धमकी देकर चुप करवाया गया था ! झुंझुनू के इस केस में कोर्ट के फैसले का स्वागत सब जगह हो रहा और गौवंशों के चितेरों को भी बल मिलने से उक्त केस में फिर से नई पहल होने का स्वर उभरने को रफ्तार मिलेगी ! इस केस में अब आरटीआई एक्टिविस्ट मुस्तैद होने का जल्दी ही प्रमाण देंगे !   

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