कमीशन का कांग्रेसाध्यक्ष को नोटिस, कांग्रेस आई उबली, भाजपा पर हों मामले दर्ज, भेदभाव के शिकवे भी उभरे

कमीशन का कांग्रेसाध्यक्ष को नोटिस, कांग्रेस आई उबली, भाजपा पर हों  मामले दर्ज, भेदभाव के शिकवे भी उभरे    
चंडीगढ़ ; 14 दिसम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा /मोनिका शर्मा/ एनके धीमान  ;---देश में चुनाव की प्रबल प्रक्रिया के चलते सियासी पार्टीज एक दूसरे पर अनापशनाप आरोप जड़ने से कतई नहीं चूक रहे हैं ! यहाँ तक की कहने को तो चुनाव आयोग हर गुस्ताखी अनियमिताओं पर सख्त है पर ये सख्ती ढाक  के तीन पात से ज्यादा कुछ किसी को भी महसूस नहीं  हो रही है !  भाजपा के कुछेक नेताओं के मुताबिक वर्चस्व की जंग लड़ रही कांग्रेस के मोस्ट बैचलर 50 वर्षीय युवा  अध्यक्ष राहुल गांधी के एक इंटरव्यू के प्रसारण पर रोक लगाने और चुनाव आयोग द्वारा नोटिस कर दिए जाने के मुद्दे पर बिफरी  कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करवाई है । उक्त प्रकरण  में देर रात कांग्रेस आई के अनेकों सीनियर लीडर्स  इलेक्शन कमीशन के ऑफिस जा पहुंचे ! और भारतीय जनता पार्टी  पर भी आचार संहिता का सब  को ठेंगा दिखाते हुए उल्लंघन करने  के आरोप जड़े हैं। उक्त कांग्रेस आई प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र दमोदर मोदी, भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रेल मंत्री पीयूष गोयल पर भी चुनावों में आचार संहिता के उल्लंघन करने के आरोप जड़े हैं ! और तत्काल कार्यवाही करते हुए इन सब पर भी मुकदमें दर्ज करने की चुनाव कमीशन से मांग की है ! 
      अगर गुजरात में मतदान के एक दिन पूर्व इंटरव्यू दिखाना गैरकानूनी और असंवैधानिक है, तो स्मरण रहे कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी ठीक एक दिन पूर्व कुछेक न्यूज चैनलों ने पीएम मोदी का इंटरव्यू दिखाया था। अभी गुजरात चुनाव में पहले चरण के नौ दिसम्बर को मतदान हुए और एक दिन पूर्व आठ दिसंबर को भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी किया। क्या ये सब  आचार संहिता की गरिमा के दायरे में हुआ ये क्यों नहीं आचार संहिता का सीधे सीधे उल्लघंन नहीं था ।
भाजपा के नेताओं ने कहा कि फिक्की के मंच पर पीएम मोदी ने कांग्रेस आई पर खूब आरोप जड़े हैं!  जोकि सीधे सीधे आचार संहिता का उल्लंघन हैं । कांग्रेस आई के युवा प्रवक्ता एडवोकेट रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 2014 के इलेक्शन में नरेंद्र मोदी ने भी मतदान के दिन भाजपा का चुनाव चिह्न दिखाया था, लेकिन हैरत और भेद भरी बात तो ये कि इलेक्शन कमीशन ने मोदी जी पर  कार्यवाही तक  नहीं  की । सुरजेवाला ने  आरोप जड़ा कि उक्त गुजरात चुनाव के पहले चरण से पूर्व भाजपा ने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था । तब तो उन पर  कोर्ट ने भी कुछ संज्ञान नहीं लिया ! फिर ये भेदभाव भरी कार्यवाही नहीं तो क्या है ! सुरेजावाला ने स्पष्ट करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का दोहरा रोल अब सब के सामने आ चूका है ! प्रवक्ता सुरजेवाला ने मांग की कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से पीएम मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाये ।            कांग्रेस आई ने स्पष्ट आरोप साधते हुए कहा कि बीजेपी के सीनियर नेता, और प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष चुनाव आयोग की कथित  भूमिका निभाते हुए मीडिया और आचार संहिता के उल्लघंन किये जाने के नोटिस भेजने और मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहे हैं। चुनाव आयोग और न्यायपालिका की भूमिका पर संदेहजनक निगाह तब पड़ना लाजिमी है जब बीजेपी के केंद्रीय मंत्री पार्टी  के मंच से मीडिया से सरेआम व् खुलेआम कहते हैं कि इलेक्शन कमीशन कांग्रेस को नोटिस जारी करेगा। गुजरात में बीजेपी को कथित शिकस्त देने जा रही कांग्रेस आई ने अनेकों न्यूज चैनलों में दिखाए गए राहुल गाँधी के विवादित हो रहे उक्त इंटरव्यू पर भारतीय जनता पार्टी की आपत्ति पर "अपनी नाराजगी" जताते हुए चुनाव  आयोग से बीजेपी के लीडर्स पर कार्यवाही करने और उनके खिलाफ नोटिस जारी करने की पुरजोर मांग की ।
रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि प्रधानमंत्रीमोदी जी, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेताओं का सारा उबाल सिर्फ कांग्रेस आई  और इसके युवा नेतृत्व पर है। जो गुजरात चुनाव से पूर्व हुए चुनावों में भी साफ़ देखते ही बना ! इधर, पीएम मोदी फरमाते हैं कि कांग्रेस आई  का कोई अस्तित्व ही नहीं है!  और खुद ही अपने तमाम सार्वजनिक भाषणों में वक्त और भाषण के विषय का 90 प्रतिशत समय कांग्रेस की ही आलोचना में खर्च करते हैं।  का विषय तो ये है कि मोदी जी गुजरात के विविध  विकास की कोई बात तक नहीं करते हैं ! हैरत तो तब और भी बढ़ जाती जब कांग्रेस आई के  अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा विषयगत उठाए गए बुनियादी और अनिवार्य प्रश्नों तक का जवाब  भी देते हैं।
 सुरजेवाल ने आरोप जड़ा कि जब गुजरात और मुल्ख के कई टीवी चैनलों पर कांग्रेस आई के अध्यक्ष राहुल गांधी का इंटरव्यू दिखाया गया तो पीएमओ प्राइम मिनिस्टर ऑफिस से व् खुद मुख्यमंत्री ने टीवी चैनल्स को और चैनल्स के संपादकों को धमकाया कि "उनको जेल भेज देंगे"। 

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