जुली 2 को बोल्डनेस भी नहीं बचा पाई,दर्शकों को आई उबकाई
चंडीगढ़ ; 29 नवम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा /मोनिका शर्मा ;---जुली टू सिनेमा घरों में पानी भी मांग पाई ! दर्शकों को अपना पैसा भी वसूल करवाने में फिल्म कामयाब न हो पाई ! हालाँकि फिल्म में बोल्डनेस नकोनाक भरी जोकि फिल्म को नाकाम रही ! दो रे नहीं कि कलाकारों की अदाकारी अव्वल रही पर फिल्म में डब्बिंग डब्बा बन कर रह गई ! रविकिशन व् राय लक्ष्मी सहित पंकज त्रिपाठी ने अपनी हुनरमंदी का खूब इस्तेमाल किया और खुद को सटीक साबित भी कामयाब रहे !
स्टोरी नौवें दशक का कलेवर और फ्लेवर लिए यही जिसको हर दर्शक पचा नहीं पाया ! गीतों के बोल और संगीत धार सब बेकार बन पड़ी हैं ! फिल्म की स्टोरी भी वही बासी है िक लड़की की दास्ताँ है जो नाजायज बच्ची है और अभिभावक ही घर से निकाल देते हैं ! लड़की जीविका कलाकारी का मंच चुनती है ! जब सफलता कदम चूमने लगती है तो भारतीय फिल्मों की माक़िफ़ कई उतार चढ़ाव जारी रहते हैं जो फिल्म में निरस्त का पुट भरते हैं !
फिल्म की फैमिली ;-----निर्माता विजय नायर व् दीपक शिवदासानी पहलाज निहलानी निर्देशक दीपक शिवदासानी अभिनय के रही ;---राय लक्ष्मी रविकिशन आदित्य श्रीवास्तव रति अग्निहोत्री व् पंकज त्रिपाठी म्यूजिक ;---जावेद मोहसिन आतिफ ली विजु शाह !!
समीक्षक की सलाह ;---फिल्म के समीक्षक की सुनें तो फिल्म तो वाक्य ही हताशा निराशा बांटेगी ! बेसिर पेअर की स्टोरी भी कहा जा सकता है ! हाँ कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिका के साथ इन्साफ जरूर बखूबी किया है !
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