पद्मावती हेतु केंद्र को सुको ने फटकारा, याचिका हुई ख़ारिज
चडीगढ़ ; 28 नवम्बर ; आरके शर्मा विक्र्मा /एनके धीमान ;----जिस भी फिल्म को हिट करना हो उसके रिलीज से पहले खूब निंदा चर्चा करवाई जाये तो खुद ही जिज्ञासा बढ़ने पर भारी रस टिकट खिड़की पर उमड़ना लाजिमी है ! संजय लीला दीपिका पादुकोणे और रणबीर सिंह और शहीद कपूर को लेकर बनाई गई पद्मावती आये दिन नए झमेलों से गुजर रही है ! भंसाली का सर तक काटने के फरमान जारी हुए हैं हर कोई सियासी और फूहड़ पब्लिसिटी पाने का कोई मौका तक नहीं छोड़ना चाहता है ! और इस बहाने अपनी ओछी नियति का बखूबी प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं बरत रहे हैं ! समूचा बालीबुड एकजुट खड़ा हुआ है विरोधियों से लोहा लेने के लिए,इसी हवन में सर्मथन का खुद बखुद अखाडा बनता जा रहा है ! बुद्धिजीवी भी फटकार रहे हैं !
और अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी सेन्टर गवर्मेंट को फरमान सुनाया है कि
जब सेंसर बोर्ड ने ही फिल्म पद्मावती को लेकर कोई फैसला ही नहीं निर्धारित किया है तो लोगबाग दुनिया तो खुद ही धारणाएं कैसे बना बैठे हैं ! लोग विशेषकर उच्च पदों पर आसीन घरानों से जुड़े लोगों के समूह ! सुको ने उक्त टिप्पणियों को खूब गंभीरता से लिया है ! प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति एएम खानविलकर न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूहड़ की बेंच ने विदेश में फिल्म पद्मावती की रिलीज को रोकने संबंधी आदेश देने वाली याचिका को सिरे से ही नकार दिया है !उक्त याचिका में फिल्म के निर्माताओं को फिल्म न रिलीज करने के लिए बोलने की प्रबल मांग की गयी थी !
दूसरी और संजय लीला भंसाली ने अनेकों मर्तबा साफ़ किया है कि विरोध करने वाले उनके साथ बैठ कर फिल्म को देख कर और समीक्षा करें कहाँ क्या गलत हुआ भी है या उनकी बातें हवा में तीर माक़िफ़ ही हैं !
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