वे बुधवार को पंचायत भवन के सभागार में फसल बीमा योजना के तहत किसानों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने फसल बीमा योजना से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि खरीफ सीजन में धान, बाजरा व मक्की तथा रबी सीजन में गेहूं, दाल तथा अन्य फसलों को शामिल किया गया है। इस बार आईसीआईसीआई लुंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी जिले में फसल बीमा योजना पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक करने का काम किया जाए। कृषि विभाग इसको लेकर संगोष्ठियां व कृषि मेले आयोजित करे और किसानों को बीमा योजना के फायदों के बारे में बताया जाए। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना किसानों के लिए लाभकारी है, जब तक किसानों को इस योजना के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं होगी तब तक वे योजना का फायदा उठाने से वंचित ही रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आपदा आने पर किसानों के खेतों का मुआयना कर रिपोर्ट शीघ्र एजेंसी के अधिकारियों द्वारा तैयार की जानी चाहिए ! ताकि किसानों को समय रहते योजना का लाभ मिल सके। जिन किसानों ने बीमा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है, उन्हें तुरंत मुआवजा दिया जाए। जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि जिले में खरीफ सीजन में कपास का 69000 हेक्टेयर एरिया है, जिसके तहत 3765 रुपये का प्रीमियम निर्धारित किया गया है। धान में 71500 हेक्टेयर का क्षेत्र है, जिस पर 1072 रुपये की प्रीमियम निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्ति बाजरा का 33500 हेक्टयर क्षेत्र है, जिसमें 643 रुपये प्रीमियम तथा मक्का का 36000 हेक्टेयर क्षेत्र है, जिस पर 720 रुपये का प्रीमियम निर्धारित किया गया है। रबी सीजन में गेहूं का 60500 हेक्टयर क्षेत्र कवर किय गया, जिसका 907 किसानों ने फायदा उठाया, जिस पर 907 रुपये की प्रीमियम राशि ली गई।
उन्होंने बताया कि फसल सैंपल के आधार पर धान में 1660 सैंपल लिए गए, जिसके तहत 1175 आवेदन मोबाइल के माध्यम से पहुंचे और 485 आवेदन कार्यालय में सीधे आए। रबी सीजन में 1676 सैंपल लिए गए, जिसमें 1100 आवेदन मोबाइल और 576 आवेदन सीधे कार्यालय में आए।
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