खुदा की इबादत करके ईद मुबारिक करेंगे रब दे बन्दे
चंडीगढ़ ; 25 जून ; आरके शर्मा विक्रमा :-----धर्म जात बिरादरी नस्ल ये सब रब दे बंदे ने खुद बनाये ! रब ने तो सिर्फ बंदे ही बनाये ! सब में अपना नूर भरा और सब में अपनी लौ जगाई ! खुदा ने अपनी खुदाई से सब को भरपूर नवाजा है ! और सब उसकी रज़ा में रजामंद हैं जरूरी तो नहीं, क्योंकि उस खुद की रजा में अपने हक़ और हाथ की बात है ! सो हक़ और हाथ का ये अटूट रिश्ता धर्म और कर्म का रूप लेता है ! रब हर किसी को अपनी सोहबत और ग़ुरबत से निहाल रखता ! और वो भी बिना भेदभाव के ! लेकिन बंदा खुद क्या से क्या बन जाता या बन बैठता ये उसको भी मलूम नहीं पड़ता ! ये राज जानने समझने के लिए इबादत का दरवाजा खोलना पड़ता और उसके लिए बहुत कुछ छोड़ना भूलना लुटाना खोना पड़ता तब रब के घर की राह नसीब होती ! ये राह पाने के लिए मुस्लिम समाज रमजान के महीने भर पाक रोजे रखते और निर्जल रह कर सब की खैर की दुआ मांगते! जब खुदा आमीन करता तो ख़ुशी से उसका शुक्रिया करने के लिए ख़ुशी का इजहार करने के लिए ईद मनाई जाती है ! सब को बिण भेदभाव के गले लगाते हैं ! ये भाग्यशाली दिन सोमवार को देश और दुनिया में मनाया जाएगा ! हिन्दू समाज भी अपने नेकदिल मुस्लिम भाइयों को ईद मुबारिक गले लगाकर करेगा ! चाँद को निहार कर खुदा का नूर निहार कर सब की खैर ख़्वाह खुदा से नेक मांगेंगे!मकबरे मस्जिदें मसीतें और पीरों की दरगाहें हर और रब के स्वागत की पूरी तैयारियां हैं ! शहर गांव बस्तियां सब दुल्हिन मार्किग सजी हैं ! हिन्दू समाज ने अपने मुस्लिम समाज के भाईचारे को ईद मुबारिक करने की अपनी तैयारियां मुकम्मल कर रखी हैं ! आओ सब मिलकर खुदा के बंदे बनकर खुदा का शुक्रिया अदा करें !
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