आवारा कुत्तों का आतंक लोग परेशान

 आवारा कुत्तों का आतंक लोग परेशान      



जैसलमेर: 29 मई ; चंद्रभान सोलंकी ;------ -शहर के विभिन्न मोहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया कि लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। कई मोहल्लों में आवारा कुत्ते छोटे बच्चों को काट कर घायल कर चुके हैं। इसके बाद भी नगर पालिका ने इन कुत्तों से लोगों को राहत दिलाने की कोई पहल नहीं की है। आवारा कुत्तों से यहां पूनम स्टेडियम, गीता आश्रम, डेडानसर रोड, कच्ची,तालरिया पड़ा आदि  बस्ती सहित अन्य मोहल्लों में रहने वाले लोग खासे दहशत में हैं। 
आवारा कुत्तों के हमले के भय से छोटे बच्चों का बाहर खेलना भी बंद हो गया है। व रात में गली से निकलना भी खतरे से कम नही हैं कई लोगो व अभिभावक अपने बच्चों को कुत्तों के भय से स्कूल भेजने में भी चिंतित रहते हैं। बच्चों को साथ लाते वक्त हाथ में डंडा होने के बाद भी चेहरों पर भय की लकीरें स्पष्ट दिखाई पड़ती हैं।  मोहल्लों में आए दिन आवारा कुत्तों के काटने की घटना हो रही हैं। पिछले दिनों यहां वार्ड नम्बर 1 में एक मोटरसाइकिल चलाने वाले युवक को नीचे गिरा दिया   आवारा कुत्तों के झुंड ने अचानक हमला कर पैर को नोंच दिया था  आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ जाने से शहर के लोगों में जगह जगह भय का वातावरण बना हुआ है। 
 डेडानसर रोड पर  की महिलाओं का कहना था कि आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ जाने से उन्हें हर समय घर के दरवाजे बंद रखने पड़ रहे हैं।  डेडानसर रोड पर रहने वाले देवीलाल पंवार का कहना है कि नगर पालिका को आवारा कुत्तों की समस्या का निदान करने के लिए कई बार सुझाव दिया गया है, पर अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं होने से लोगों में आवारा कुत्तों का भय दूर नहीं हो रहा है। 
आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों की परेशानी के संबंध में आए दिन शिकायतें मिल रही हैं। इस संबंध में नगर पालिका को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए पूरे शहर में आवारा कुत्तों से नागरिकों को भयमुक्त रखने की व्वयस्था रखनी चाहिए
 शहर में आवारा कुत्ते शहरवासियों पर भारी पड़ रहे हैं। ये कुत्ते शहर की प्रमुख सड़कों से लेकर गली-मौहल्लों में झुंड बना कर घूमते रहते हैं, जैसे ही रात होती है सड़कों पर इनका राज हो जाता है। झुंड में रहने वाले ये कुत्ते रात में सड़क पर आवागमन करने वाले किसी भी वाहन पर अचानक टूट पड़ते हैं। कुत्तों से बचने के प्रयास में कई वाहन सवार अपने हाथ-पैर भी तुड़वा चुके हैं। दूसरी ओर आवारों कुत्तों पर काबू पाने को लेकर न तो नगर निगम गंभीर है, न ही जिला प्रशासन। शहर में कुत्तों द्वारा काटे जाने के अनेक केस सरकारी व निजी अस्पतालों में आ रहे हैं। यहां आने वाले लोगों को एंटी रेबीज इंजैक्शन देकर वापस भेजा जा रहा है। सबसे अधिक शिकार बच्चे व महिलाएं हो रही हैं। लोगों का कहना है कि आवारा कुत्ते सड़कों पर घूमने वाले छोटे-छोटे बच्चों व महिलाओं पर उनको घेर कर हमला कर रहे हैं। शहर में मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग भी आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं

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