बाबैन ; 29 ; मई राकेश शर्मा :----डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब में धन धन गुरू अर्जुन देव के शहीदी दिवस पर विशाल कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया और गुरू का लंगर अटूट वरताया गया। इस अवसर पर संगत की खुशियों के लिए बाबा सुरेंद्र ङ्क्षसह जी द्वारा अरदास की गई व संगतों को अमृत संचार करवाया गया। इस अवसर पर देश व विदेशों से आई संगतों को संबोधित करते हुए डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब के बाबा सुरेंद्र ङ्क्षसह जी ने सभी को गुरु घर से जुडऩें और नशें जैसी सामाजिक बुराईयों से दुर रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गुरू अर्जुन देव ने मानव जाति के कल्याण के लिए शहीद हुए और शहीद गुरू अर्जुन देव ने धर्य रखकर व शांत रहते हुए अनेक असहीनय कष्टों को सहन किया और भारतीय परम्परा में यह पहली शहदत थी जब किसी महा पुरूष ने धर्म के लिए शहदत दी इसलिए शहीद गुरू अर्जुन देव को शहीदों का सरताज कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारा भी यह दायित्व बनता है की गुरू अर्जुन देव के चरणों अपना तन-मन-धन अर्पण करके सिख सिद्धांतों का प्रचार करें। उन्होंनेे कहा कि गुरू अर्जुन देव का वैज्ञानिक दृष्टि कोण था और समूची मानव जाति को भाईचारा बनाने के प्रति प्रेरित करने में विश्वास रखते थे। उन्होंने कहा कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की शिक्षाओं के अनुसार जीवन यापन करने का आह्वान किया कि वे सेवा कार्यो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें और गुरूसिखी जीवनयापन करते हुए दीन दुखियों की हर सभंव सहायता करें। इस अवसर आए रागी व ढाडी जत्थों जिनमें हजूरी रागी जत्था बाबा भूपिंद्र ङ्क्षसह डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब वाले, हजूरी रागी जत्था बीबी आशुप्रीत कौर जालधर वाले, हजूरी रागी जत्था सवीर सिंह चण्ढीगढ़ वाले, ढाडी रागी जत्था ज्ञानी गुरदीप सिंह कपूरथला वाले ने गुरू महिमा का गुणगान किया । इस अवसर पर जत्थेदार बुटा ङ्क्षसह, जत्थेदार गुरदीप ङ्क्षसह, भूपेंद्र ङ्क्षसह, बलकार ङ्क्षसह, हरप्रीत चीमा, गुरतेज ङ्क्षसह सेंखों, शिवदयाल सिंह के अलावा अनेक गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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