लुधियाना ; 25 फरवरी ; अजय पाहवा ; भारत की बेटी के के तौर पर प्रसिद्ध तथा सक्रिय युवा सामाजिक कार्यकर्ता जहान्वी बहल ने कड़े शब्दों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के उस विवादित ब्यान की निंदा की जहाँ उन्होंने कहा कि आतंकी रैंकों में शामिल होने वाले लड़के राष्ट्र की आज़ादी के लिए जीवन का बलिदान दे रहे हैं और आज भी हमारे वह लड़के ना तो विधायक यां सांसद और मंत्री बनने के इच्छुक नहीं है और यह हमारी भूमि है और हम इसके असल मालिक हैं। जहान्वी ने कड़े शब्दों में कहा की कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वहां हरेक व्यक्ति भारत का नागरिक है। उसने कहा की वरिष्ठ राजनेता होने के नाते फारुख अब्दुल्ला जी को राजनीति चमकाने के लिए ऐसे विवादित बयान शोभा नहीं देते और इस प्रकार की बयानबाजी से कश्मीर के हर नौजवान को शांति का सन्देश देने की बजाये हिंसा और आतंकवाद की और धकेल रहे हैं। जब फारुख अब्दुल्ला जी काफ़ी समय से जम्मू कश्मीर के मुख्य मंत्री थे तो उनके कार्यकाल में ऐसी घटनाएं होती थी तो उस समय उन नौजवानों द्वारा की गए उपद्रवी घटनाओं को बलिदान से क्यों नहीं जोड़ा गया।
माननीय फारुख अब्दुल्ला जी को में यही कहना चाहती हूँ की अपनी राजनीती चमकाने के लिए कश्मीर का माहौल न ख़राब करें और खश्मीर की युवा पीढ़ी को शिक्षा की और अग्रसर होने का सन्देश दें तांकि वहां के नौजवान कश्मीर के विकास के लिए सहायक बन सकें। देश की एकता और अखण्डता के लिए युवा वर्ग को सन्देश देने के उदेश्य से मैंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा पूरी की जिसमे मुझे पूरे देश में पूर्ण सहयोग और प्यार मिला वहीँ राजनेताओं द्वारा की गलत बयानबाज़ी से युवाओं का राजनीती से पूर्ण तौर पर विश्वास उठ जायेगा।अगर फारुख अब्दुल्ला जी को इतनी आज़ादी चाहिए तो वह किसी और देश का रुख कर लें। जहान्वी ने कहा कि वह फारुख अब्दुल्ला जी को चेतावनी देती की अगर उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की बयानबाज़ी की तो वह उनका डटकर विरोध करेगी।
माननीय फारुख अब्दुल्ला जी को में यही कहना चाहती हूँ की अपनी राजनीती चमकाने के लिए कश्मीर का माहौल न ख़राब करें और खश्मीर की युवा पीढ़ी को शिक्षा की और अग्रसर होने का सन्देश दें तांकि वहां के नौजवान कश्मीर के विकास के लिए सहायक बन सकें। देश की एकता और अखण्डता के लिए युवा वर्ग को सन्देश देने के उदेश्य से मैंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा पूरी की जिसमे मुझे पूरे देश में पूर्ण सहयोग और प्यार मिला वहीँ राजनेताओं द्वारा की गलत बयानबाज़ी से युवाओं का राजनीती से पूर्ण तौर पर विश्वास उठ जायेगा।अगर फारुख अब्दुल्ला जी को इतनी आज़ादी चाहिए तो वह किसी और देश का रुख कर लें। जहान्वी ने कहा कि वह फारुख अब्दुल्ला जी को चेतावनी देती की अगर उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की बयानबाज़ी की तो वह उनका डटकर विरोध करेगी।
Comments
Post a Comment