मौत के बाबर बन रहे हैं सैल्यूर कम्पनीज के गगनचुम्बी टॉवर
चंडीगढ़ ; 23 फरवरी ; आरके विक्रमा शर्मा /एनके धीमान ;------हर कोई आज इंसानी जिंदगानी की दर्दनाक मौत का सौदागर बना हुआ है ! सभी धनलोलुपता के चलते कानून और नैतिकता सहित इंसानियत को पददलित करने में बेख़ौफ़ मशगूल हैं ! रक्षक ही कानून के असली भक्षक बन जायेंगे तो फिर तो खौफ खुदा का भी बौना पड़ेगा ! इंसानी जीवन इतना सस्ता और इस कदर बेसलेस होकर रह जायेगा कभी कल्पना का विषय भी नहीं रहा होगा ! इंसान 21 वीं सदी का महानायक बना फिरता है पर पाषाण काल का पुरखा बने रहने काबिल भी नहीं है ! आज शहरों गांवों में यहाँ वहां जहाँ नजर घुमाओ सेल्युलर कम्पनीज के गगनचुम्बी टावर्स अपना सर उठाये खड़े हैं ! ये टावर्स ही मानवीय जीवन सहित भौतिकवाद के लिए भी अवसाद बनता जा रहा है ! ये मौत के मसीहे नभ में उड़ने चहचहाने वाले पंछियों की दर्दनाक और बेवक़्त मौत के लिए 24x7 घण्टे मुंह बाए रहते हैं ! मौत का मंजर इनके चरों और हर वक्त व्याप्त रहता है ! वेल एजुकेट्ड सिटी ब्यूटीफुल बनाम सिटी पीसफुल एंड ग्रीन सिटी में अब देह सहित रूह का भी दम घुटने लगा है ! शहर में चारों ओर मोबाइल कम्पनियों के टावर्स कानून व्यवस्था और प्रशासन के प्रजा हितैषी और प्रेमी होने के वादों और दावो की हवा खिसकाते हुए बढ़ते जा रहे हैं नाकि कम होने का नाम ले रहे हैं ! शहर में पंछियों की कितनी प्रजातियां टॉवर्स के आसपास बनने वाले करंट एरिया में आने से बेवक़्त दर्दनाक मौत का बन चुकी है ! सरकार तो दोनों हाथों से चांदी लूटने में मशगूल है तो कम्पनियों वाले अपनी जेबें भरने से बीजी है ! सेहत तन्दरुस्ती का बेड़ागर्क साफ़ देखा जा सकता है ! उक्त टावर्स से निकलने वाली तरंगें जीवन के लिए यमराज की भूमिका निभा रही हैं ! ये सेल्युलर कम्पनीज बच्चों के कोमल दिमागों पर भयावह तरंगों सेअपना धीमी गति की मौत का ख़ामोशी से शंख नाद करेंगे !
Comments
Post a Comment