***हिन्द का पाक को पैगाम ***
[माध्यम :अल्फा न्यूज़ इंडिया ]
तू हमारी पीठ पर करके वार अब जाना छोड दे,
अपनी जमी पर आतँक का आशियाना छोड़ दे!
अपनी जमी पर आतँक का आशियाना छोड़ दे!
बेटा था बेटा बनके रहले हिंदुस्तान का ओ पाक,
दुश्मने जाँ अब चीन के तलुवे चाट जाना छोड़ दे!!
दुश्मने जाँ अब चीन के तलुवे चाट जाना छोड़ दे!!
छोड़ सकता है गर तू तो आतँक का करदे खत्मा,
सुन एक आतंकी की मौत पर गम मनाना छोड़ दे!
सुन एक आतंकी की मौत पर गम मनाना छोड़ दे!
बेटा माना था तुझको मेरी भारत माता ने अपना,
तू बनके कुपूत उस माँ भारती को रुलाना छोड़ दे !!
तू बनके कुपूत उस माँ भारती को रुलाना छोड़ दे !!
करना दे सारा संसार तेरा हुक्का पानी बंद एक दिन,
तू संभाल ले खुद को कश्मीर के गीत गाना छोड़ दे!
तू संभाल ले खुद को कश्मीर के गीत गाना छोड़ दे!
मरते जवान तेरे भी मुल्क के तो दर्द तुझे क्यों नही,
अपने ही भाइयो की मौत पर तू मुस्कराना छोड़ दें!!
अपने ही भाइयो की मौत पर तू मुस्कराना छोड़ दें!!
दुआ करते हम तू भी फुले फलें मेरे प्यारे पडोसी,
करके झूठे बहाने हमसे अब तू जल जाना छोड़ दें!
करके झूठे बहाने हमसे अब तू जल जाना छोड़ दें!
रख संभाल कर अपनी गौरी को तू चाँद की तरह,
पृथ्वी से खाले खोंफ जरा हमें धमकाना छोड़ दें!!
पृथ्वी से खाले खोंफ जरा हमें धमकाना छोड़ दें!!
कश्मीर तेरी हसरत ही न बनी रह जाए दिल में तेरे,
तू संसार के आगे कश्मीर पर आसुँ बहाना छोड़ दे!
तू संसार के आगे कश्मीर पर आसुँ बहाना छोड़ दे!
बहुत घाटे का सौदा कर डाला करके पीठ पीछे वार,
रह अपनी हद में चादर से बाहर पैर फैलाना छोड़ दे !!!
रह अपनी हद में चादर से बाहर पैर फैलाना छोड़ दे !!!
[अशोक सपड़ा की कलम से ]
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