ट्रांसपोटेशन के टेंडर, ई-उपार्जन की राज्यस्तरीय कार्यशाला सम्पन्न


चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र  :अगस्त ; राकेश शर्मा /आरके शर्मा विक्रमा ;----हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज ने कहा कि देश की खुशहाली के लिए प्रदेश के किसानों, व्यापारियों का खुशहाल होना जरुरी हैं। राज्य सरकार किसानों और व्यापारियों को खुशहाल बनाने के लिए ई-उपार्जन जैसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम कर रही हैं। सरकार की तरफ से शीघ्र ही प्रदेश की सभी 108 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोडऩे के लिए आनलाईन करने जा रही हैं। अभी तक 11 मंडियों को आनलाईन किया जा चुका हैं और 10 मंडियों से व्यापारियों का डाटा अपडेट किया जा चुका हैं। सरकार की ई-उपार्जन योजना से व्यापारियों की फसलों का भूगतान अन्य तमाम समस्याओं का समाधान हो सम्भव हो सकेगा। इस योजना के तहत व्यापारियों को सुविधा देने के लिए प्रत्येक मंडी में कम्पयूटर और स्टाफ से लैस सुविधा केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा।
राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज सोमवार को पिपली रोड़ पर स्थित एक निजी होटल के सभागार में खाद्य आपूर्ति निदेशालय हरियाणा की तरफ से ई-उपार्जन व्यवस्था कार्यक्रम पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले ई-उपार्जन राज्यस्तरीय कार्यशाला में राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की चेयरमैन कृष्णा गहलावत, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएस प्रसाद, एफसीआई के जीएम संजीव गौतम, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक डा. जी गणेशन व खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक संजय जून का पुष्प भेंट कर स्वागत किया गया। 
राज्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ई-उपार्जन योजना एक महत्वपूर्ण स्कीम हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि सभी विभागों की कार्यप्रणाली को आनलाईन कर भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए और समाज के अंतिम योग्य व्यक्ति को योजना का 100 प्रतिशत लाभ मिल सके। इसी योजना के अंतर्गत मंडियों में फसलों की खरीद का कार्य आनलाईन करने के लिए ई-उपार्जन योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा हैं। इस योजना के तहत किसानों के द्वारा लाई जाने वाली फसल को साफ्टवेयर के माध्यम से वास्तविक समय पर आधारित खरीद होगी। इस व्यवस्था में किसानों को दिया जाने वाला जे फार्म और खरीददार का आई फार्म स्वत: बनेगा। इस प्रणाली से आढ़तियों का कार्य ज्यों का त्यों रहेगा, सिर्फ आढ़तियों को फसलों की खरीद का कार्य कम्पयूटर के माध्यम से आनलाईन करना होगा। इस प्रणाल से किसानों और आढ़तियों को सीधा फायदा मिलेगा।

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