जैसलमेर:- 25 अप्रैल ; चंद्रभान सोलंकी /अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;---- जैसलमेर में एक ऐसा परिवार अभावों में जिंदगी गुजर बसर कर रहा है, जो आर्थिक ,ओर बीमारी के आगे लाचार है ! घनश्याम दैया जो अपाहिज है ! और सुबहे उठकर काम पर पहुंचने की जल्दी। अगर देरी हो गई तो काम नहीं मिलेगा। घर पर परेशानियों का अम्बार। पत्नी है जो दिखाई नही देता है ! और 4 बच्चे है ! उनमे तीन लडकिया हैं ! वो भी नही देख पाते थोड़ा बहुत देख पाते है ! धूप में आंखे कम खुलती है ! और एक लड़का है ! वो स्वस्थ हैं ! लेकिन पूरा परिवार कुपोषण का शिकार होता जा रहा है ! पिछले पंद्रह सालों से घनश्याम दैया (दर्जी) निवासी गफूर भट्टा वार्ड नं32 जैसलमेर की यह दिनचर्या है। वह सुबहे घर से दूर 4 किलोमीटर यूनियन चौराहे पर जाकर टेम्पो की नम्बरिंग करते है तो प्रति टेम्पो वाला 10 रुपए देता है ! ऐसे ही दिन में 10या 15 टेम्पो करते हैं ! सुबह से शाम तक बमुश्किल सौ डेढ़ सौ तो कभी ही दो सौ रूपये ही कमाता है ! और शाम को घर अपने चार बच्चे व पत्नी का बुरे अभावों में पेट भरता है।
घनश्याम की पत्नी जन्म से ही नेत्रहीन [ब्लाइंड] है ! अब सिर दर्द ज्यादा होने लगा है ! डॉक्टर कहते हैं कि अब कुछ उपचार आदि तक नही होगा ! मौका स्थिति देखें तो आदमी की पैरो तले जमीन खिसक जाऐ ! उसकी पत्नी व् बच्चे ईटो से बना एक कमरे में रह रहे है ! पास में फटे पुराने कपड़े पहने हुए बच्चे खड़े थे। घर की हालत इतनी खराब है कि देखने वालों को भी दया आ जाए। गरीबी से जूंझ रहे घनशयाम पन्द्रह साल से अपनी पत्नी ओर बच्चों की देखभाल कर रहा है।

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