चंडीगढ़ :27 जनवरी : अल्फा न्यूज़ इंडिया ;------- दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस, जनसत्ता एवं दूसरे अख़बारों में छपी ख़बरों के दावे को मानें तो भाजपा के बागी तेवर वाले नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में एक गैर राजनैतिक राष्ट्रीय मंच की घोषणा 30 जनवरी को होने जा रहीं है। मंच देश की मौजूदा राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक तनाव के बारे में मावलंकर भवन बुलाई गई बैठक में चर्चा होगी। बैठक में देश के लगभग सभी विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टीए राष्ट्रीय जनता दल पार्टी, जनता दल यूनाइटेड पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों के नुमाइंदों के शिरकत करने की सूचना मिल रही है।
इस सन्दर्भ में जब पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन से बात की तो उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दी। धवन ने बताया कि राष्ट्रिय मंच की घोषणा यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में 30 जनवरी को होगी। उनका कहना है कि 30 जनवरी को मंच से जुड़ने वाले सभी उक्त पार्टियों के प्रतिनिधि सुबह करीब 11.30 बजे राजघाट पहुंच कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वहां से सभी अपने समर्थकों के साथ मावलंकर भवन पहुंचेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय मंच की घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि इस मंच को पूरी तरह से गैर राजनीतिक रखने की बात कही जा रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गैर राजनीतिक राष्ट्रीय मंच में शामिल होने के लिए बुलावा है। इसलिए मंच में शामिल होने के लिए खुद भी इस दिन दिल्ली पहुँच रहे हैं।
स्थानीय राजनीति पर होगा असर ;----यदि राष्ट्रीय मंच से हरमोहन धवन जुड़ते हैं तो इसका स्थानीय राजनीति पर भी बड़ा असर पड़ेगा।
ये भी जुड़ेंगे मंच से ;-----सूत्रों का कहना है कि इस फोरम से पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, आम आदमी पार्टी के आशुतोष और आशीष खेतान, जदयू नेता पवन वर्मा, सपा के घनश्याम तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और एनसीपी के मजीद मेमन आदि जुड़ेंगे। इसके अलावा सामाजिक और किसान संगठनों के बड़े चेहरों को भी जोड़ने की तैयारी है। नीतीश कुमार की पार्टी के पवन वर्मा मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं। मंच के गठन के लिए महात्मा गांधी की 70 वीं पुण्यतिथि के मौके 30 जनवरी को चुना गया है।
राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा ;------बताया जा रहा है कि इस मंच के जरिए राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा दी जाएगी। ताकि केंद्र सरकार की नीतियों की समीक्षा कर जनता को उसके सही और गलत पहलुओं से रूबरू कराया जाए। पिछले कुछ समय से यशवंत सिन्हा बागी रुख अपनाए हुए हैं। चूंकि वित्त मंत्री के तौर पर काम का अनुभव हैंए इस नाते माना जा रहा है कि वे मंच के जरिए देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।
बड़ा मंच बन सकता है ;----बजट सत्र की पूर्व संध्या पर लांच हो रहा यह नेशनल फोरम सरकार के खिलाफ बड़ा मंच बन सकता है। खास बात है कि राष्ट्रीय मंच से जुड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़नी पड़ेगी। इस मंच के जरिए लोग खुलकर अपने मन की बात कर सकेंगे। मंच से शुरुआती तौर पर जुड़ रहे लोगों का कहना है कि इसे आगे राजनीतिक दल में तब्दील करने का कोई इरादा नहीं है।
भाजपा के लिए मुसीबत ;------पिछले कुछ दिनों से अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत पर उतरे भाजपा नेता यशवंत सिन्हा का यह कदम भाजपा लिए मुसीबत पैदा कर सकता हैए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चर्चा लिए एक ऐसा मंच बनाने की तैयारी शुरू की हैए जिससे तमाम दलों के नेता जुड़ेंगे और मन की बात करेंगे। [साभार ;सीएनई ]
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