पठानकोट : 29 जुलाई : कँवल रंधावा;----- आज सुबह 8:30 बजे से करीब दोपहर 1:00 तक मूसलाधार बरसात होने कारण जिला पठानकोट के नीम पर्वतीय ब्लाक धरकलां अधीन कई क्षेत्रों में बरसाती नाले व खडें अफ्फान पर आ गईं जिस कारण क्षेत्र में बाढ़ का माहौल बन गया। जिसमें दर्जनों गांव पूरी तरह कट कर रह गए। बरसाती नालों और खड्डों में बाढ़ आने कारण स्कूली बच्चे व शिक्षक स्कूलों में ही फंस गए। कई जगह बाद दोपहर जब पानी का स्तर थोड़ा कम हुआ तो कुछ साहसी युवाओं ने अपने ट्रेक्टरों को बाढ़ के पानी में उतार दिया। मगर बाढ़ के तेज़ बहाव के कारण पक्की सड़क बह जाने कारण ट्रेक्टर भी बाढ़ के पानी के तेज बहाव में जब बहने लगा तो वहां उपस्थित लोगों की कोशिशों से बड़ा हादसा होने से बच सका। ये मामला ब्लाक धरकलां के गांव लधेटी के निकट देखने को मिला। मौके पर जा कर देखा तो बरसात थोड़ी थम रही थी मगर चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा था किसानों के खेत पानी में काम ही दिखाई दे रहे थे। तेज रफ्तार से बहते पानी को पर करने की कोई कोशिश करने की भी हिम्मत नहीं कर पा रहा था। बरसात थमने के बाद आम लोगों के अलावा स्कूलों के बच्चे किनारों पर खड़े अपने घरों जो जाने के लिए मायूसी के आलम में बेचैन से खड़े थे जबकि बरसात थमने के बाद भी बाढ़ का बहाव बरकरार था जिसे पर कर पाना असम्भव था। बाद दोपहर बाढ़ के पानी का स्तर जब कम हुआ तो गांव के युवा ने अपने ट्रेक्टर के जरिये थोड़े थोड़े करके बच्चों को इस पर से उस पर निकाला।
बाढ़ के पानी ने जहां किसानों की फसलों को बुरी तरह नष्ट कर दिया वहीं अनेकों घरों को भी नुकसान पहुंचाया। गांव खुखियाल के एक घर बाहर एक और बनी शेड में खड़ी गाड़ी बाढ़ के पानी में डूब गई। उधर गांव नारायणपुर के पूर्व सरपंच ध्यान सिंह ने बताया कि मंडी बोर्ड की गलती कारण बरसाती पानी का रुख उनकी आटा चक्की की ओर हो गया जिससे पानी भीतर तक घुस आया क्योंकि सड़क के एक और बनाया नाला आटा चक्की के सामने लाकर बन्द कर दिया गया।
बाढ़ के पानी में शमशानघाट तक डूब गया। बरसात का पानी छोटे पुलों के ऊपर से बहने लगा। कई गांवों में कच्चे मकान भी बरसात की भेंट चढ़ जाने का समाचार मिला है मगर बाढ़ के कारण वहां तक पहुंच पाना संभव नहीं था।
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