आतंकवाद से निपटने हेतु सांझे अभ्यास समय की जरूरत
पठानकोट ;19 मार्च; कंवल रंधावा ;-- इस संयुक्त अभ्यास का उदेश्य है की आतंकवाद से निपटने के लिएप्रयोग में लाई जाने वाली तकनीकों का आदान प्रदान है । आज विश्व भर में आतंकवाद फैला हुआ है इस सेनिपटने के लिए जरूरी है की हम अपनी तकनीकों को एक दूसरे के साथ साँझा करें । यह विचार मेजर जेनरलनवीन कुमार ने आज बकलोह केंट में रॉयल आर्मी ऑफ ओमान और भारत की सेना के साथ चौदहा दिवसीयसांझे अभ्यास अल नगः ॥ के अंतिम दिन की गई ड्रिल की समाप्ति के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए प्रकट किये । इस अभ्यास में मन नासिर्फ अपनी तकनीकों को साँझा किया बल्कि एक दूसरे के कल्चर को भीसमझा है उन्होंने कहा की इस सांझे अभ्यास में कुछ अच्छी बाते हम ने ओमान की रॉयल आर्मी से हमारीसेना को सिखने को मिली हैं ,जबकि कुछ अच्छी बाते ओमान वालों ने हम से ग्रहण की है । उन्होंने बताया पहले दस दिनों तक हमने एक दूसरे की तकनीकों के बारे मैं जानकारी प्राप्त उसके बाद ग्राउंड पर उनकाअभ्यास किया गया है । रॉयल आर्मी ऑफ ओमान की 6 अधिकारियों सहित साठ सैनिकों की एक टुकड़ीबिगेडिर सलीम अल हुस्नी के नेतृत्व में भर्ती सेना के दो अफसरों सहित 45 भारती फ़ौजिओं के साठ 14 दिवसीय सांझे अभ्यास के लिए भारत आई हुई है । ब्रिगेडियर हुस्नी ने एक प्रश्न के जवाब में बताया की हमनेविश्व की बेहतरीन सेना के साठ इस अभ्यास में बहुत कुछ सिझ है इसके अच्छे परिणाम आएंगे और हमभविष्य में भी अपनी सरकार को ऐसे सांझे अभ्यास के लिए सिफारिश करेंगे । इस समापन प्रोगाम में की गईड्रिल में हमने एक घर जिसमें आतंकवादी छिपे होने खबर मिलने पर , उस घर से ऊनात्नकवादिओं खत्मकरने और उस में बच गए एक आतंकवादी को मोबाइल चेक पोस्ट द्वारा मार गिराने का अभ्यास किया है ।
हम इस अभ्यास से बहुत कुछ सीखे है । मेजर जनरल ने ड्रिल के बाद की गई डीप ब्रीफिंग में इस में भाग लेनेवाले दोनों देशों के सैनिकों से इस अभ्यास में पेश आने वाली मुश्किलों के बारे में जानकारी प्राप्त की , जिसमेंसभी ने एक स्वर में भाषा की मुश्किल से जानू करवाया। इसके बाद समाप्ति समारोह में भारतीय सैनिकों औरओमान के सैनिकों ने सभ्याचारक प्रोग्राम पेश किया ।जिसमे मार्शल आर्ट सहित लोक गीत और संगीत शामिल थे ।
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